कुछ दिनों में हमारे भारत के 4-5 राज्यों में चुनाव होने वाला है.. प्रत्याशी जितने का भरसक प्रयास करेंगे और जितने के बाद आम आदमी को ठेंगा दिखाकर गायब हो जाएंगे... चुनाव में हम अपनी इच्छा से सुविधानुसार मांग रखते हैं चाहे मिले न मिले पर आप को अपने और अपने परिवार के लिए क्या मांगना चाहिए निचे पढ़ के समझिए..
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर साहब और हिन्दी फिल्मों के अभिनेता इरफान खान बीमार हुए और भारत मे पर्याप्त ईलाज न होने के कारण विदेश गये.
इनमें से एक हिन्दू है और एक मुस्लिम. भारत में न मन्दिरों की कमी है और न ही मस्जिदों की.
दुनिया के सबसे शक्तिशाली ईश्वर शायद भारत में ही होंगे, फिर ये लोग ईलाज करवाने विदेश क्यों गये ? क्या पर्रिकर साहब को हिन्दू देवी-देवताओं और इरफान खान को अल्लाह पर भरोसा नहीं था कि उनकी कृपा से वो ठीक हो जाएंगे........
जी हां... यह एक सच है कि शरीर में रोगों का इलाज विज्ञान द्वारा होता है, और भारत विज्ञान के क्षेत्र में पिछड़ा है वरना इनको विदेश नहीं जाना पड़ता.
अगर हम लोगों को ऐसी बीमारी हो गयी तो हमारा मरना तय है, और बहाना होगा कि - ''समय पूरा हो गया''।
दरअसल अच्छे अस्पताल, अच्छे स्कूल, इनकी ओर वैज्ञानिक दृष्टिकोण, इनकी जरूरत आम आदमी को ज्यादा है। लेकिन यह पैसे वाले हमें मन्दिर मस्जिद में बाँटकर खुद विदेश चले जाते हैं।
अगले चुनाव में अपने लिए अच्छे और सस्ते अस्पताल और स्कूल, रोजगार माँगिएगा ------
मन्दिर मस्जिद नहीं।
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