हेलो दोस्तों 🙏 एक शिक्षक का पद समाज में पुराने जमाने से बड़ी ही गरिमामयी और आदर पूर्वक देखा जाने वाला पेशा रहा है..... यहां तक की (गुरु) शिक्षक को भगवान से भी बड़ा माना गया है....
परंतु वर्तमान समय में समाज के नजर में शिक्षक मात्र एक सरकारी कर्मचारी के अलावा और कुछ नहीं समझे जाते.... इस समय शिक्षकों को मात्र एक कार्यालयीन बाबू के जैसे इस्तेमाल किया जा रहा है....
अब शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के अलावा बाकी सभी कार्यालयीन कार्य करके देने पर दबाव बनाया जा रहा है, यहां तक की अप्रत्यक्ष रूप से कहा जाता है की हम जो जानकारी मांग रहे हैं पहले वह दिया जाए फिर आप बच्चों को पढ़ाएं |
हर दूसरे दिन व्याट्सऐप में जानकारी मांगी जाती है, हर तीसरे दिन संकुल या विकासखंड में मीटिंग, और हर 10 दिनों में कहीं ना कहीं प्रशिक्षण में शिक्षकों को भेज दिया जाता है... ध्यान दीजिएगा इसके अलावा एक शिक्षक को और क्या क्या-अति आवश्यक कार्य अनिवार्य रूप से प्रतिदिन करना ही पड़ता है.. |
सरकारी स्कूल को वहां पढ़ने वाले बच्चे और उनके माता पिता ही बदनाम कर रहे हैं 😔
1. नामांकन 2.प्रवेश उत्सव 3.पुस्तक वितरण 4.एसएमसी मीटिंग 5.गणवेश वितरण 4. साइकिल वितरण 5.ऑडिट 6.बैंक खाता 7.आधार कार्ड 8.जाति प्रमाण पत्र 9.पौधारोपण 10.शैक्षणिक संवाद 11.विभिन्न प्रकार के सर्वे 12.रैलियां 13.सभाएं 14.सांस्कृतिक कार्यक्रम 15.खेल महोत्सव 16.रेडियो कार्यक्रम 17.टीवी कार्यक्रम 18.टी एल एम 19.आयरन टेबलेट खिलाना 20.क्रीमी टेबलेट खिलाना 21.बोर्ड ड्यूटी 22.ई अटेंडेंस 23.डेली डायरी 24.मूल्यांकन 25.बालसभा 26.निरीक्षण 27.स्कूल की रंगाई पोताई 28.स्कूल का मरम्मत 29.मध्याह्न भोजन योजना 30.छात्रवृत्ति 31.चुनाव ड्यूटी 32.जनगणना ड्यूटी 33.बीएलओ बनना 34.वोटर लिस्ट बनाना 35. पुस्तकालय प्रबंधन 36.पालक सम्पर्क करना....
इसके अलावा छत्तीसगढ़ में और भी 36 तरह के काम शिक्षकों से ही लिए जाते हैं.. |
यह सब काम करने के बाद बच्चों को ना सिर्फ पढ़ाना बल्कि ऐसे पढ़ाना की रिजल्ट 100% आना ही चाहिए, परेशान किया जाता है...
इसलिए मेरा मानना है कि सरकार शिक्षकों को या तो स्वतंत्र रूप से पढ़ाने दे, या फिर यह आदेश निकाल दे, की शिक्षकों को पहले कार्यालयीन कार्य निपटा के देना है उसके बाद बच्चों को पढ़ाएं चाहे ना पढ़ाएं, और समय नहीं बचता तो बच्चों को पढ़ाना जरूरी भी नहीं है...
तो आप लोगों को क्या लगता है की सरकार आजकल के शिक्षकों के साथ क्या सही कर रहे हैं?
तो इस आर्टिकल में मैंने आप लोगों को बताने की कोशिश की है कि शिक्षक अब सिर्फ पढ़ाते नहीं है, और भी ढेर सारा काम करते हैं |





